श्रेष्ठ मोती के गुण-----
श्रेष्ठ
मोती तारे के समान पूर्णरूपेण सुन्दर प्रकाशमान, गोलाकार, स्वच्छ, अत्यंत पवित्र
और मल रहित स्निग्ध,छाया युक्त,औऱ स्फुटित अर्थात चोट से रहित होना चाहिये।इस पर
किसी प्रकार की खरोंच नही होनी चाहिये। श्रेष्ठ मोती में जो छाया होती है वह तीन
प्रकार की शहद जैसी, मिश्री जैसी तथा चन्दन के टुकड़े के समान होती है तथा जिस
मोती को देखते ही हृदय मे प्रसन्नता प्रकट हो, रंग सफेद हो, हल्का हो,गुरुत्व अधिक
न हो, चिकना हो चन्द्रमा की तरह निर्मल हो व उज्जवल हो और जल की भाँति छाया
उत्पन्न करन वाला हो तथा सुन्दर गोल हो।
मोती के दोष
दोष
युक्त मोती नही पहिनना चाहिये यह हानिकारक रहता है मोती मोतियों में अनेकों दोष
पाये जाते हैं अतः मोती धारण करने से पहले पहिचान लेना चाहिये कि इसमें कोई दोष तो
नही है सदा निर्दोष मोती ही पहिनना चाहिये।
1. टूटा हुआ मोती- यह मोती का सामान्य दोष है इसे
धारण करने से मन में चंचलता,व्याकुलता व कष्ट की वृद्धि होती है, क्योंकि टूटा हुआ
मोती हमेशा ही अशुद्ध होता है।
2. सुन्न मोती- आभाहीन मोती सुन्न मोती कहलाता
है,इसे धारण करने से निर्धनता होती है।
3. गड्ढेदार मोती—गड्ढेदार मोती स्वास्थ्य व धन
सम्पदा को हानि पहुँचाने वाला होता है।
4. चोंच दार मोती--- चोंच के आकार का मोती या चेचक
के से दाग वाला मोती पुत्र कष्ट देने वाला तथा वंश की हानि कराने वाला होता है।
5. काक मोती- काले रंग की गर्दन वाला मोती काक
मोती कहलाता है जिसे पहिनने से अपयश तथा पुत्र को कष्ट देने वाला होता है।
6. चपटा मोती – यह सुख सौभाग्य नाशक व चिन्तावर्धक
होता है।
7. दरार वाला मोती- जिस मोती की ऊपरी सतह फटी हुयी
हो वह अनेकों प्रकार के कष्ट प्रदान करने वाला होता है।
8. मसा मोती- छोटे काले दागग वाला मोती मसा मोती
कहलाता है इसे धारण करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती हैं।
9. रेखादार मोती – मोती के अन्दर रेखा दिखाई देने
पर मोती रेखादार मोती कहलाता है यह यश एवं एश्वर्य की हानि करने वाला होता है।
10. मेंडा मोती- जिस मोती में चारों और वलय या छल्ले
के समान रेखा अंकित होती हैं जिसे देखने से लगे कि यह दो टुकड़ों को आपस में
जोड़कर बनाया गया है यह धारण करने पर भयवर्धक व स्वास्थ्य व हृदय को हानिप्रद
सिद्ध होता है।
11. काली झांईदार मोती- काले रंग की झांई से युक्त
मोती पहनने से अपयश मिलता है तथा अचानक ही अपमानित भी होना पड़ सकता है।
12. लहरदार मोती – जिस मोती के बीच में लहरदार
रेखाऐं दिखाई देती हैं वह पहिनने पर मन को उद्विग्न करने वाला होता है तथा धन की
हानिकरने वाला होता है।
13. त्रिकोणात्मक मोती- तीन कोने वाले मोती को धारण
करने से नपुंसकता की वृद्धि होती
14. दुर्वल मोती – यह मोती लम्बा बेडोल तथा दुर्वल
होता है इसे धारण करने से बल व बुद्धि की हानि होती है।
15. छाला मोती--- जिस मोती मे छाले जैसा उभार उठा
हुआ होता है वह मोती धन सम्पदा व सौभाग्य को नष्ट करने बाला होता है।
16. मटिया मोती- जिस मोती के भीतर मिट्टी होती है
मटिया मोती कहलाता है वह गुण हीन होता है।
17. ताम्रक मोती- यह मोती ताँवे के रंग का होता है
यह धारण नही करना चाहिये इसे धारण करने से भाई,बहिन, व परिवार का नाश होता है।
18. चतुष्कोणीय मोती- चौकौर आकार का यह मोती चपटा
होता है और इसे पहिनने से स्त्री का नाश होता है।
19. रक्तमुखी मोती –मूँगें के रंग का यह यह मोती धन के नाश का कारण होता है।इसके
पहिनने से चारों और से विपदाऐं घेर लेती हैं।
20. मगज मोती- काले रंग की आभा से युक्त इस मोती के
अन्दर का भाग कठोर तथा ऊपरी सतह झिल्ली के समान पतला होता है । इस मोती को आसानी
से बींधा जा सकता है किन्तु इसे धारण करना भी अति हानिप्रद है।