मोती
भिन्न भिन्न रुपों मे प्रयोग किया जाता है कोई इसे हाथ की अँगूठी बनवाकर पहनता है
तो कोई इसका हार बनवा लेता है लैकिन मोती का प्रयोग इसके अलावा शारीरिक सोन्दर्य व
कान्ति बढ़ाने के लिए पाउडर के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

मोती
धारण करने पर शारीरिक कान्ति, रूप व सौन्दर्य बल, ज्ञान, बुद्धि की वृद्धि के साथ
साथ धन,यश,सम्मान एवं प्रभुत्व को दिलाने वाले एवं सभी प्रकार की मनोकामनाओं की
पूर्ति करता है, तथा स्त्री गुण में भी वृद्धि करता हैतथा धार्मिक भावना को पुष्ट
करता है।
असली नकली की परीक्षा---
मोती की सुरक्षा


सारी
जानकारी आप लोगों ने पढ़ लिया होगा कि टूटे फूटे व दोषयुक्त मोतियों को पहनने मे
तो काम नही लिया जाता ये दोषयुक्त मोती औषधि रुप में अनेक रोगों पर प्रयोग में
लाये जाते हैं।
दक्षिण
भारतीय लोग अपनी पुत्री की शादी में मोती युक्त कोई न कोई आभूषण अवश्य ही दान में
देते हैं।
चीनी
लोग मृतक व्यक्ति के दाह संस्कार में मृतक के मुँह में मोती रखकर दाह संस्कार करते
हैं।इससे वे मानते हैं कि मृतक स्वर्ग को प्राप्त करता है।
जापान
में बोद्ध धर्मी लोग मानते हैं कि मोती को ईश्वर ने उत्पन्न किया है अतः इसको रखने
से ईश्वरीय शक्ति प्राप्त होती है।
हिन्दू
धार्मिक मान्यता के अनुसार अथर्ववेद में कहा गया है कि मोती की भस्म का सेवन धर्म,
अर्थ, काम, व मोक्ष अर्थात चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति कराता है।
असली नकली की परीक्षा---
मोती
को चावल में रखकर रखने पर असली की चमक खराव नही होती नकली की चमक समाप्त हो जाती है।
असली
मोती की उपरी सतह कोमल होती है जवकि नकली की एसी न होकर कुछ कठोर होती है
मोती की सुरक्षा
मोती को रूई मे लपेटकर नही रखना चाहिये चूँकि यदि
इसे रुई
में लपेट कर रखा जाता है तो गर्मी पाकर मोती में धारियाँ पड़ जाती हैं।नमी बाली
जगह पर रखने पर मोती खराव हो जाता है।