पर्यायबाची- मोती को संस्कृत मे मुक्ता, सोम्या, नीरज, तारका, शशि-रत्न, मौक्तिक, शुक्ति मणि,और बिन्दुफल के नाम से जाना जाता है। हिन्दी भाषा में इसे मोती,मुक्ता के नाम से ही जाना जाता है पंजाबी भाषा में मोती, उर्दू व फ़ारसी भाषा में मुखारिद लैटिन भाषा में मार्गारिटा(Margarita) तथा अग्रेंजी भाषा में पर्ल(Pearl) के नाम से जाना जाता है।
मोती कुल नौ प्रकार के बताऐ जाते हैं।
गजमुक्ता |
गजमुक्ता |
गजमुक्ता- विश्व का सर्वश्रेष्ठ प्रकार का मोती है जो हाथी के मस्तक से प्राप्त होता है, किन्तु यह कहा जाऐ कि सभी हाथियों के मस्तक से यह मोती प्राप्त होता है तो यह बात गलत है यह केवल उन्ही हाथियों के मस्तक से प्राप्त होता है जिनका जन्म पुष्य या श्रवण नक्षत्र में रविवार या सोमवार के दिन सूर्य के उत्तरारण काल मेंहोता है। गजमुक्ता हाथियों के दन्तकोषों तथा कुम्भस्थलों से भी प्राप्त होता है। गजमुक्तक सुडौल, स्निग्ध,एवं तेजयुक्त होता है।
धारण करने का प्रभाव-यह शुभ
तिथि में धारण करने पर सभी प्रकार के कष्टों को दूर करके मन की शक्ति प्रदान करता
है। इसको छेदना नही चाहिये औऱ न ही इसकी कीमत ही लगानी चाहिये।
सर्पमुक्ता-
सर्पमुक्ता
यह
मोती सर्वश्रेष्ठ जाति के सर्प वासुकी के मस्तक पर पाया जाता है जैसे जैसे सर्प की
आयु वढ़ती जाती है तैसे तैसे उसके मस्तक का
मोती हरे नीले रंग में ज्यादा तेजयुक्त तथा प्रभावशाली होता जाता है। यह
मोती अति भाग्यशाली व्यक्ति को भी दुर्लभता से प्राप्त होता है।
धारण
करने का प्रभाव---- इस मोती को शुभ मुहूर्त में धारण करने से सभी प्रकारकी
मनोकामनाऐं शीघ्र ही पूरी हो जाती हैं।
वंशमुक्ता |
वंश मुक्तक --- वाँस में पैदा होने वाला यह
मोती हर प्रकार के वाँस में नही पाया जाता अपितु उस बाँस में मिलता है जिस बाँस में से स्वाति नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र
अथवा श्रवण नक्षत्र से एक दिन पहले ही एक विशेष प्रकार की आवाज निकलने लगती है और
उस नक्षत्र की समाप्ति तक वेदध्वनि की तरह की आवाज सुनाई देती रहती है।उस बाँस को
बीच में से फाड़कर मोती निकाल लेते हैं । यह मोती आकार में गोल तथा रंग में हल्का
हरा होता है।
धारण करने का प्रभाव-----
इस मोती को धारण करने से अपार धन सम्पत्ति की प्राप्ति तथा भाग्य का उदय होता है, राज्यपक्ष व समाज में भी उच्चपद तथा प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
शंख मुक्ता---- समुद्र से प्राप्त होने
वाले विशेष जाति के शंख जिसका कि नाम पांञ्चजन्य है की
मोती शंख
नाभि से प्राप्त होता है,
इसका रंग हल्का नीला होता है जो बहुत ही सुडौल व सुन्दर होता है।इस मोती पर
यज्ञोपवीत की तरह की तीन रेखाऐं अकिंत रहती हैं।इस मोती में कोई चमक नही होती है।
धारण करने का प्रभाव-----
इस मोती को धारण करने से स्वास्थ्य से संबंधित सभी कष्टों से तो मुक्ति मिलती ही है अपितु यह लक्ष्मीवर्धक तथा सर्वकष्ट निवारण समर्थ होता है।इस मोती को छेदना अर्थात बींधना नही चाहिये।
शूकर मुक्ता |